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झारखंड विधानसभा ने दलबदल विरोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य ठहराया।

25 जुलाई को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण ने दलबदल विरोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य घोषित किया। यह निर्णय 26 जुलाई से प्रभावी होगा।

खबर का अवलोकन:

अयोग्य ठहराए गए विधायकों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लोबिन हेमब्रोम और कांग्रेस के जय प्रकाश भाई पटेल शामिल हैं। यह फैसला झारखंड विधानसभा के छह दिवसीय मानसून सत्र से ठीक पहले लिया गया, जो 26 जुलाई से शुरू हो रहा है।

JMM और BJP ने हेमब्रोम और पटेल के खिलाफ दलबदल विरोधी कार्यवाही शुरू की थी। हेमब्रोम ने JMM के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हंसदक को चुनौती देते हुए राजमहल लोकसभा सीट पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा, जबकि पटेल ने कांग्रेस में शामिल होकर हजारीबाग सीट से चुनाव लड़ा। दोनों ही चुनाव हार गए।

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यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने 25 जुलाई को सुनाया।

दलबदल विरोधी कानून (ADL):

ADL, जिसे 1985 में संविधान के 52वें संशोधन के रूप में पेश किया गया था, का उद्देश्य विधायकों को बार-बार पार्टी बदलने या पार्टी के निर्देशों के खिलाफ मतदान करने से रोकना है। निर्वाचित सदस्य को अपनी पार्टी के खिलाफ मतदान करने या विरोधी निर्णय लेने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।

2003 में, 91वें संशोधन के तहत दलबदलुओं को अयोग्य ठहराने और उन्हें एक निश्चित अवधि के लिए मंत्री पद से वंचित करने के प्रावधान जोड़े गए थे।

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